
विश्वास
घना अंधेरा छाया है
मन में भय समाया है
कोलाहल भी, सन्नाटा भी
कैसा समय ये आया है
कितनों ने अपना जीवन
भी गंवाया है।
हमें रखना है विश्वास,
समय ये भी बीत जाएगा
अंधेरे के बाद,जब प्रकाश फैल जाएगा।
लोगों को खुद पर नियंत्रण करना आ जाएगा
नियमों से बंधकर चलना आ जाएगा
भय का साम्राज्य भी सिमट जाएगा
और जीवन सामान्य हो जाएगा।
फिर तो हंसी होगी, खुशी होगी
आएगी चेहरे पर मुस्कान
और होगा स्वस्थ हर इंसान।
हमें रखना है विश्वास
समय ये भी बीत जाएगा
अंधेरे के बाद जब प्रकाश फैल जाएगा।।
शेफालिका
रांची

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।