
0 गज़ल
शहर में हर तरफ़ एक ही अफसाना है ।
महफ़िल में न कोई हम जैसा परवाना है ।।
खंजर तो यूं ही बदनाम है दुनियां में ,
हमारा कातिल तो यूं तेरा शरमाना है ।
जब से खोए हैं हम इश्क के खुमार में ,
दिल का हर एहसास अब मस्ताना है ।
न कोई रंज न ही शिकवा ज़माने से जो ,
कहता है हमें कि ये तो इक ’ दीवाना ’ है ।
– अदिति कपूर टंडन
आगरा .

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।