
लगने से लाकडाऊन
सड़क पर दौड़ते रहते थे
सरपट वाहन
दिखते है अब यदा- कदा
लगने से लाकडाऊन
इन्सान के मिलते नयन से नयन
अब दूर ही दूर से करते अभिनन्दन
कोरोना ने ऐसा कहर बरपाया
संकट में पड़ा सब का जीवन
जीने के अधिकार का किया इसने हनन
खौफ़ में रहा सबका जीवन
कितनों की मांग हुई सूनी
हाथों से उतरी उनके कंगन
मृत्यु के मुख में गये कितनों के नन्दन
अश्रू से सूख गए मां के दामन
भाई ने भाई को आंख के सामने खोया
रोती रही चित्कार कर बहना
हुआ अनर्थ जब बच्चे हुए अनाथ
जायेंगे कहां अब वे नादान ।
सोचती हूँ,
स्वयं को बचाने ये प्रकृति नाच नचा रही
या
मानवता का पाठ पढ़ाने
कोई योजना रच रहे हैं भगवान ।
मंजु लता
नोयेडा

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।