
असहज है जीवन
जैसे मिली हों
चिकित्सकों को नौकरियाँ
या हुई हों पदोन्नतियाँ उनकी
आजकल
नाम दर्ज हुए जाते है
मृतकों की सूची में
हम कुछ नहीं कर पाते हैं
विवश
देखते रह जाते हैं
मृत्यु व कोरोना का तांडव, व
ये विभीषिका,
आतंकित हुई है
जिजीविषा,
ये खेल सा हो गया है सहज,
असहज है जीवन
आज,
कोई रास्ता नहीं दिखता,
जीवन दाता चिकित्सक भी,
हो रहे ,जीवन
से मोहताज
डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।