
हे वायुपुत्र!
हे वायुपुत्र! हनुमानजी को
शत-शत प्रणत प्रणाम।
ज्ञानस्वरूपा,घटघटबासी।
अक्षसंहारक ,अतुलित बलशाली
रामायण मणिमाला के जगमगाते रत्न,
अग्नि के समान तेजस्वी, ज्ञानियों में अग्रगण्य,
समस्त गुणों के भंडारक,वानरों के स्वामी,
राम के प्रिय भक्तवत्सल,जामवन्त से प्रेरित,
अमरत्व संपूजक,वायुपुत्र,सृष्टि संरक्षक।
प्राण-तत्वरुप, हनुमानजी को
शत-शत प्रणत प्रणाम।
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के देवमणि,
वामदेव,कालाग्रि,प्राणदाता जनक।
रुद्रावतार महादेव,प्रबलसूर्यतत्व धारक।
वायु के पर्याय,गति,विद्या,भक्ति,पराक्रम,
आत्मविश्वास,ओज,तेजस्विता लिए।
सृष्टि में प्राणों के संरक्षक ,
अंजनी सुत ,पवनपुत्र ,श्रीराम के सखा,
परस्परमैत्रीभाव के जन्मदाता
प्राण-तत्वरुप, हनुमानजी को
शत-शत प्रणत प्रणाम।
समुद्र को गाय के खुर के समान,
छोटा कर देने वाले, मां सीता के शोकविनाशक
प्राणवायु सम सांसों के जीवनाधार।
पुराणों संहिताओं में प्रतिष्ठित,
परब्रह्म सतसाधक,वानरकुलभूषण,
जगउद्धारक,जितेन्द्रिय, बुद्धिमताम् वरिष्ठम्।
त्राहि त्राहि करती वसुंधरा से,
कोरोना को कालकवलित कीजिए।
जन-जन के पाप ताप संतापों को
राक्षस रूपी वन में अग्नि के समान
गदा हाथ में ले रक्षमामि रक्षमामि।
हे वायु पुत्र हनुमान!
शत-शत प्रणत प्रणाम।
डॉ सरोज गुप्ता
सागर (म प्र)

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।