
मैं ही गंगा की धार
गिरने दो परबत से मुझको
मैं निर्मल जल धार
हरियाली मैं धरा को देती
चाहूँ जन का प्यार
मैं नदिया,मैं जल प्रपात
झेलूँ मैं,हर आघात
कर्तब्य करूँगी नित अपना
मैं सबसे करती प्यार
बाँधो का बन्धन मुझे दिया
मेरी राह बदलते तुम आये
सीमित न करो अब और मुझे
बहने दो मेरी धार
मुझमें, मैला मत डालो
उद्योगों का जल, सँभालो
रखो, प्रदूषण मुक्त मुझे
मुझको न करो लाचार
पीने का अमृत ,मैं ही हूँ
विद्युत और रोशनी ,लो मुझसे
अन्न,फसल ,फूल ,पौधे
मैं दूँगी तुम्हें अपार
आस्था में ,मुझे बसा रखना
पूजा में ,मुझे सदा रखना
नर्मदा,कावेरी ,कृष्णा,जमुना मैं
ब्रज ,मैं ही गंगा की धार
डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।