
नज़्म
तुम्हारी मोहब्बत आतिश सी ।
जो हमारा हर गम पिघला दे ।।
हमारा इश्क बर्फ़ सा जिसकी ,
तासीर हर तकलीफ़ भुला दे ।
तुम्हारी मोहब्बत लफ़्ज़ों सी ,
जो एहसासों को जुबां दे ।
हमारा इश्क साज सा जो ,
जज़्बातों को नज़्म बना दे ।
तुम्हारी मोहब्बत रूह सी ,
जो ज़िंदगी को मक़सद दे ।
हमारा इश्क सांसों सा ,
जो जिस्म को वजूद दे ।
– अदिति टंडन
आगरा .

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।