
चलूँ पैदल,पकड़ पगडंडी
चलूँ पैदल ,पकड़ पगडंडी
पहुँचूं ,अपने गाँव
वो अमराई ,गाँव के पीछे
और पीपल की छाँव
छाँव बैठ ,मैं रोज निहारूँ
वो , प्राथमिक कक्षा
वो पंडित जी,बेंत बाँस की
होती है ,यूँ इच्छा
बैलों की, गाड़ी में जाउँ
गाँव के दूर ,सब खेत
लिए खाद ,गोबर वाली
लंगडू और हीरा समेत
वो घण्टी, छुट्टी वाली
वो याद ,स्लेट ,पेंसिल वाली
वो पास करी ,परीक्षाएँ
वो ,मास्साब की दीक्षाएँ
वो गाँव छोड़, शहर आना
जीवन भर का ,फिर पछताना
ले आया,यद्यपि दूर ,सफल
क्यों याद करे, मन है, पल पल
जीवन ,आपा धापी होता
कुछ पाता है, तो कुछ खोता
हम, जीवन को ,हर्षित जियें सदा
ब्रज,मन संतुष्ट तभी होता
डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।