
नुसरत
दिल्लगी करूं इतनी फुरसत कहां
बस देखने की जी भर हसरत मेरी
आओ छांव तक थोड़ा पैदल चलें
कसमें वादों की नही फितरत मेरी
जब हंस हंस संवारोगी जुल्फों को
समझ लूंगा मै हो गई हिजरत मेरी
जाने क्यूं ख्वाबों में तुम आती रोज
वैसे कोई और है कहीं कुदरत मेरी
मिल जाएगी जन्नत और वो सब फिर
अजी करो जो तुम इतनी नुसरत मेरी
आशुतोष तीरथ
गोण्डा

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।