
सभी पापों से मुक्त होने के लिये ‘द्वादशाक्षर मन्त्र’ जाप करे-पं उपाध्याय
खंडवा ।
‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ भगवान विष्णु के इस मन्त्र को वासुदेव ‘द्वादशाक्षर मन्त्र’ कहते हैं। द्वादशाक्षर मन्त्र बहुत ही प्रभावशाली मन्त्र है। द्वादशाक्षर मन्त्र की महिमा बताते हुए सूतजी कहते हैं कि यदि मनुष्य सत्कर्म करते हुए, सोते-जागते, चलते-उठते हुए भी भगवान के इस द्वादशाक्षर मन्त्र का निरन्तर जप करता है तो वह सभी पापों से मुक्त होकर सदगति को प्राप्त होता है। यह अमृतवाणी वर्षा किशोर नगर रहवासी संघ के तत्वावधान में सोमवार को श्री हनुमान वाटिका स्थित मनोकामनेश्वर हनुमान मंदिर के विशाल पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं पर श्रीराम कथा के तृतीय दिवस के अवसर पर व्यासपीठ से मानस मर्मज्ञ पं मनोज उपाध्याय ने द्वादशाक्षर मन्त्र जपकी। यह जानकारी देते हुए किशोर नगर रहवासी संघ अध्यक्ष प्रेमनारायण तिवारी एवं प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि पंडित उपाध्याय ने कथा के दौरान द्वादशाक्षर मन्त्र जप का महत्व बताते हुए कहा कि लक्ष्मीजी की बड़ी बहन अलक्ष्मी (दरिद्रा) भगवान के नाम को सुनकर उस घर से तुरन्त भाग खड़ी होती है। इसी मन्त्र के जप से ध्रुव को बहुत शीघ्र भगवान के दर्शन हुए थे। द्वादशाक्षर मन्त्र जप करने की विधि पवित्र स्थान, शुद्ध सात्विक आहार शास्त्र में बताई गयी विधि और संत के आशीर्वाद से किसी भी मन्त्र का जप करने पर शीघ्र लाभ मिलता है। प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर मन्त्र जप करने से पहले भगवान विष्णु का ध्यान और मानसिक पूजा कर लें तो उत्तम है। संगीतमय श्री रामकथा के दौरान पंं प्रेमनारायण तिवारी, हुकुमचंद चौहान, आरके चौर, निर्मल मंगवानी, मनोहर चंदानी, भीम सिंह दरबार, पं. राम उपाध्याय, इंद्रपाल सचदेव, आशीष अग्रवाल, सतीश तिवारी, कुसुम तिवारी, जानकी अग्रवाल, किरण दुबे, माया सरावगी, पूर्णिमा उपाध्याय, माया राठौर, शोभा मालवीया, रितु सिंह, मनीषा चौहान, साधना राजपूत, सीमा जोशी, सुनीता चौंहान, गायत्री व्यास, सुनीता चौरे, निशा दुबे, शिवानी गंगराड़े, अणिमा वैष्णवी उपाध्याय आदि सहित संघ सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थें।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।