
0 नज़्म
कसक भरी राह पर
चलते – चलते अब
ठहरी है जिंदगी सुकुं से
तेरे दामन के साए में .
हर मोड़ पर बहुत
आजमाया दुनियां ने
राहत की जुस्तजू अब
खत्म हुई तेरी पनाह में .
झूठ का नक़ाब लिए
बहुत मिले हमें पर
नूर – ए – खुदा अब
मिला तेरी निगाहों में ।
– अदिति टंडन
आगरा .

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।