
‘माँ शारदे’
जय-जय-जय माँ शारदे,करो सकल कल्याण।
शब्द – शब्द गाथा बने , भर दो उनमें प्राण।।
मैं बालक नादान हूँ , सरगम से अनजान ।
करो कृपा माँ शारदे , गाऊँ तेरा गान ।।
श्वेत कमल माँ भारती , बारम्बार प्रणाम ।
बस तेरा गुणगान ही , करता आठों याम ।।
हंसवाहिनी ज्ञान की , बरसा दो रसधार ।
नाम रहे संसार में , जाऊँ जब उस पार ।।
आसन माँ का श्वेत है , कर वीणा का वास ।
दूर करो माँ शारदा , मानवता का त्रास ।।
वीणा की झंकार से , गूँजे मेरे गीत ।
सकल विश्व कल्याण में,बिखरे अनुपम प्रीत ।।
जगती माँ हे भारती , अंतिम यह अरदास ।
जगत में आये एकता , पूर्ण करो सब आस ।।
राहुल विश्वनाथ ‘विश्व’
गोला गोकरननाथ खीरी उत्तर प्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।