
राम जब खडा़ है
मुश्किलों ने कहा पाला पड़ा है
हम डरें क्यों अपने पीछे राम जब खड़ा है ।
कुंदन बनता सोना अग्नि में जब है तपता
पहुंचे चोटी पर दे इम्तिहान सब कड़ा है।
मिलती मंजिल चल कर हर बूंद भरती गागर
इक बीज नन्हा नित पा पानी वृक्ष अब बडा़ है।
हिम्मत ना हार आंधियों से तू लड़ सकता है
लेके हौसला साथ भगवान जब खड़ा है ।
वचन दिया गीता में निभाने आएंगे वो
मोहन बढ़ाते सौ कदम तू दो जब बढा़ है।
करते कराते भगवन तेरा नाम कर रहे
उनके बल से ही तो यह जगत सब खड़ा है।
:सुनीता द्विवेदी
कानपुर उत्तर प्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।