
0 नज़्म
ये हिज्र के लम्हे
ये तकलीफ़
बंदिशें कम होती नहीं
और
हसरतें सिमटती नहीं
ये इज़्तिराब के पल
ये कसक
सुकुं की बरखा होती नहीं
और
बेकरारी चैन पाती नहीं
ये फासलों का रंज
ये दूरी
ज़िन्दगी कटती नहीं
और
सांसें रुकती नहीं ।
अदिति टंडन
आगरा ( उ प्र )
हिज्र _ विरह
इज़्तिराब _ बैचेनी
रंज _ दुःख

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।