
दोहे
🌻१
बजी बहुत प्रेम बांसुरी ,अब लो शंख उठाय
सुदर्शन बिन कलि काल में ,जनतंत्र बच न पाय
🌻२
बहु पाठी लोग कलि के, लिए निज ढपली राग
कुमति अपनी लगाय के, अनुशासन दें त्याग
🌻३
है लोकतंत्र वह भला ,जो थोड़ा ही होय
अति लोकतंत्र पाय के, जनतंत्र भ्रमित होय
🌻४
अधिकार मांगते हुए, रखना कर्तव्य भान
नागरिकी मान रहे , गिरे ना राष्ट्र शान
🌻५
ज्ञान सुखों का मूल है, जो थोड़ा ही आय
अधिक ज्ञान रस पाय के, जनतंत्र मत्त जाय
सुनीता द्विवेदी
कानपुर उत्तर प्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।