
किसान
किसानों ने अपने बीजों को
उड़ेल दिए मोतियों की तरह
तुम्हारे सिर पर
कि हम तो ठण्डी रातों में, अधनँगे
खेतों के पानी में खड़े होकर
तप कर और तपा कर दानों को
सूरज के पचास के पारे में
फिर से बना लेंगे मोती
देते रहेंगे पेट भरने सभी का
किसानों द्वारा मोती बनाने के कौशल से
चमत्कृत तो हुए तुम
लेकिन इस कौशल का
ईनाम देने की जगह
तुमने उनके दानों-दानों पर
अपनी मर्जी के ताले
और अपनी मर्जी की चाबियाँ
संसद के कारखाने में बनाना शुरू कर दिया है।
डॉ श्रीराम निवारिया
इटारसी

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।