
भारत भूमि
जग में सब देशों से प्यारी
भारतभूमि हमारी है ।
बलिदानों से सिंचित धरती,
ऋषि मुनियों की तपस्थली ।
सभी रहें बंधुत्व भाव से,
जग को शिक्षा जिसने दी ।।
देव यहां पर स्वयं प्रकट हो
बनते विपदा हारी हैं,
जग में सब देशों से प्यारी
भारतभूमि हमारी है ।।
शीश मुकुट हिमशैल है जिसका
सागर जिसके धोता पैर ।
अखिल विश्व को कुटुंब माना,
रखते नहीं किसी से बैर ।
अगणित भाषा, निष्ठा, पद्धति
यह पहचान हमारी है,
जग में सब देशों से प्यारी
भारतभूमि हमारी है।।
अभ्यागत हैं देवतुल्य और,
पूजित यहां पे नारी है ।
संस्कार हैं यहां आभूषण
व्यक्ति-व्यक्ति उपकारी है।।
गोधन को माता कहते हैं
यह संपत्ति हमारी हैं,
जग में सब देशों से प्यारी
भारतभूमि हमारी है।।
किये लोकहित अस्थि समर्पित
उस दधीचि को जन्म दिया।
हार के जो भी जहां से आया
उन सबको ही शरण दिया ।
सभी सुखी हों, सभी निरामय,
वांछा मंगलकारी है,
जग में सब देशों से प्यारी
भारतभूमि हमारी है।।
– नवीन जोशी ‘नवल’
बुराड़ी, दिल्ली

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
सहृदय आभार आदरणीय प्रधान संपादक जी “युवा प्रवर्तक”, इटारसी, मध्य प्रदेश।