
विचारधारा
दिलों के बीच रचती सेतू बँधन,
जब मिलती हैं दो विचारधारा ,
कभी नफरतों के बीज बोती हैं,
जब टकराती हैं दो विचारधारा।
कभी शोलों सी जल उठती हैं,
कभी नयनोँ से बह चलती हैं,
कभी मिल जाती हैं बड़े प्रेम से,
कभी वगावत करती विचारधारा।
मुश्किल होता है मौन होना,
घुटती है वैचारिक मतभेद में,
जब दो दिलों में ही दूरियाँ हो,
कई जंग लड़ती हैं विचारधारा।
समझौते तो कई कर लेते हैं,
जीवन हर हाल में जी लेते हैं,
पर हर साँस बोझ लगती है,
जब विपरीत हो विचारधारा।
नीलम द्विवेदी
रायपुर(छत्तीसगढ़)

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।