

तुम भारत के युवा वीर हो
तुम भारत के युवा वीर हो, कर्मवीर हो,
दान वीर हो, तुम भारत के धर्मवीर हो,
रणभूमि की मिट्टी पर तुम, अपना लहु बहाते हो,
भारत के रहने वाले हो तुम, भारत की गाथा गाते हो,
महान देश के दानी हो तुम , भारत की कुरबानी हो तुम
एकता की तुम मशाल हो, इस देश की अहम निशानी हो तुम,
तुम इस धरती के शूरवीर हो, भारत के बलिदानी हो तुम,
हिन्दुस्तान की आजादी की, एक नई कहानी हो तुम,
वीरों तुमने इस मातृभूमि की ,रक्षा का वचन निभाया है,
युध्दभूमि में हर पल, तुमने अपना लहु बहाया है,
राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रवाद का, एक परचम लहराया है,
इस मातृभूमि को तुमने ही, अपना शीर्ष चडा़या है,
इतिहास की गाथा हो तुम , भारत की आज़ादी हो तुम,
वीरता की तुम मशाल हो, भारत की खुशहाली हो तुम,
तुम इस देश के अफसाने हो, तुम मातृभूमि के दीवाने हो,
तुम इस भारत के बेटे हो, तुम युवा देश के परवाने हो।
सतीष भारतीय
सागर

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
