

न्यूनतम समर्थन मूल्य के बजाय कृषि उत्पाद तैयार कर एमआरपी पर बेचें किसान
किसान नेता एवं कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसानों को व्यापारी, उद्योगपति और निर्यातक बनाने में सक्षम है नया कृषि कानून
भोपाल । किसान नेता एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने नये कृषि कानून को किसानों की तकदीर बदलने वाला बताते हुए कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के भरोसे रहने के बजाय अपनी कृषि उपज के उत्पाद तैयार कर उन्हें एमआरपी पर बेच सकेंगे। कमल पटेल ने कहा कि जिन्हें किसानों की आर्थिक खुशहाली से तकलीफ है वो भ्रम फैलाकर आंदोलन को हवा दे रहे हैं।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने उदाहरण देते हुए कहा कि किसान आलू और टमाटर उगाकर उन्हें चार रूपये किलो में बेच देते हैं, व्यापारी उनकी ग्रेडिंग कर चालीस रुपये किलो कमाता है, इसके बाद बी ग्रेड, सी ग्रेड की उपज के आलू के चिप्स और सॉस बनाकर पचास गुना तक ज्यादा कीमत में बेच कर मुनाफा कमाता है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का मालिकाना हक दिया है, किसान अब अपने गांव के घरों पर भी लोन लेकर उद्योग लगा सकते हैं, ग्रेडिंग से लेकर कृषि उत्पाद तैयार करने और उसे अधिकतम खुदरा मूल्य तय कर बेच सकते हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि नये कृषि बिल किसानों को व्यापारी, उद्योगपति, निर्यातक होने का अवसर दे रहे हैं जिससे बिचौलियों को हटाकर कृषि का अधिकतम लाभ किसानों को मिलेगा। कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से आव्हान करते हुए कहा कि वह किसी बहकावे में न आएं और कृषि बिलों का खुलकर समर्थन करें और प्रधानमंत्री तक अपनी आवाज पहुंचाए कि नये कृषि कानून को शीघ्र अमल में लाया जाए। कमल पटेल ने कहा कि विपक्षी दल और बिचौलिए किसानों को समृद्ध होते नहीं देखना चाहते इसलिये भ्रम फैलाकर किसानों को आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं लेकिन किसानों को अपनी भावी पीढ़ी की आर्थिक सुरक्षा के लिए कृषि कानून का समर्थन करना चाहिए, यह कृषि कानून किसानों की दशा और दिशा बदलने वाला है।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
