

तेरे द्वार …….।।।
हम आये तेरे द्वार माता करके रुप श्रृंगार माता।
कर दे सबकी मनोरथ पूरी। मिटा दे रिश्तों की दूरी।
भर दे सबके दिलों में करार। माता, हम आये तेरे द्वार। सबको तुझपे है एतवार। मिटा दे नफरत की दीवार।
हम आये तेरे द्वार माता। करके रुप श्रृंगार माता।
हम है अबोध, हम हैं अनजान।
तुझसे ही है यह जग संसार।
भर दे सबके दिलों में प्यार।
हम आये तेरे द्वार माता। करके रुप श्रृंगार माता।
भूल हुई जो हमसे कोई हम रहते बेकरार माता।
हम हैं क्षमा के पूरे हकदार माता।.
हम आये तेरे द्वार माता। करके रुप श्रृंगार माता।
ऋतुराज वर्षा ,रांची

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
