

हूँ मैं अनाथ तो क्या हुआ
मेरा ,औरों सा भाग्य कहाँ
मुझको बचपन ही मिला नहीं
बहना पर प्यार उमड़ता है
ये सुख मुझको मिला यहीं
इसके रोने पर रोता हूँ
इसके हँसने में मेरी हँसी
भूख,प्यास,लालन पालन
करने में मिलती मुझे खुशी
हे भगवन इतना सक्षम कर
कर्तव्य अपना निभा सकूँ
हूँ मैं अनाथ तो क्या हुआ
ब्रज,बहना का साथ तो पा सकूँ।
– डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
