

हिन्दी गज़ल
हर हंसीं गम को संजोना चाहिए
दर्द को भी इक ठिकाना चाहिए।
दिल्लगी दिल की लगी होती हंसीं
हर कदम पर साथ होना चाहिए।।
है मुहब्बत में जवां हर दिल अजी
मन-मुताबिक ही समझना चाहिए।
प्रीत की है रीत साजन है बस यही
दिल लगाकर भूल जाना चाहिए।।
दिल का दर्द बन जाये जब भी दवा
जख्म पर मलकर लगाना चाहिए।
कर श्रम कामयाबी रुखसत न हो
और श्रम घनघोर करना चाहिए।।
इक तमन्ना ‘राखी’की बस हे,प्रभु
अंतिम सफर में साथ होना चाहिए।
सरिता तिवारी’राखी’
जबलपुर मध्यप्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
