‘ऑपरेशन बस्तर’ के द्वितीय संस्करण का हुआ ऑनलाइन लोकार्पण

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‘ऑपरेशन बस्तर’ के द्वितीय संस्करण का हुआ ऑनलाइन लोकार्पण/ वर्तमान अंकुर

बस्तर की व्यथा-कथा है ‘ऑपरेशन बस्तर’: धरमलाल कौशिक,

‘कहानियों का द्वीप है बस्तर’ : प्रो द्विवेदी
दिल्ली/रायपुर।

छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक व भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने लेखक व आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट कमलेश कमल की बेस्ट सेलर किताब ‘ऑपरेशन बस्तर के द्वितीय संस्करण’ का ऑनलाइन लोकार्पण किया।

समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि लेखक कमलेश कमल ने बस्तर में अपने सेवा काल के दौरान अपने अनुभवों को किताब की शक्ल दिया है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। विषम परिस्थतियों में रह कर लेखन को जीवन का हिस्सा बनाना एक कठिन कार्य है, लेकिन यह कार्य उन्होंने किया है। ‘ऑपरेशन बस्तर’ में बस्तर के लोक-जीवन के जीवंत संवाद हैं, जिसकी चर्चा आम पाठकों के बीच है। यह पुस्तक बस्तर की व्यथा है, कथा है।

आईआईएमसी के महानिदेशक संजय द्विवेदी ने कहा बस्तर हमेशा से कहानियों का द्वीप रहा है। यहाँ के लोक जीवन के किस्से पुरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। यहाँ के समाज को लेखक कमलेश कमल के ऑपरेशन बस्तर के माध्यम से पूर्णत: प्रतिबिम्बित किया है। इस बेस्टसेलर कृति के माध्यम से कमलेश कमल हमारे बीच एक कथावाचक रूप में उपस्थित हुए हैं। पाठकीय संकट के इस दौर में ‘ऑपरेशन बस्तर’ को इस तरह का लेखकीय प्रतिसाद मिलना बड़ी बात है।

मुख्य वक्ता और ‘दीप कमल’ के संपादक पंकज झा ने कहा कि मौन और मुखरता के बीच रचनाधर्मिता के लिये जुटना भी साहसिक कार्य है। अच्छे लोगों का मौन और बुरे लोगों का कोलाहल कभी समाज के हित में नहीं होता। इशारों में बस्तर पर लिखी गई अधिकतर किताबों को वामपंथी कोलाहल से जोड़ते हुए, मुख्य वक्ता ने कमलेश कमल को इस विषय पर प्रामाणिकता से लिखने के लिए साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह लेखक कमलेश कमल ने बस्तर की सजीव कहानी और जीवनानुभवों को ‘ऑपरेशन बस्तर’ के माध्यम से प्रस्तुत किया है, वह विस्मित करता है। निश्चित ही उनका लेखन बस्तर के लोक-जीवन को समर्पित है।

युवा आलोचक पीयूष द्विवेदी ने प्रस्तावना रखते हुए कहा कि इस किताब की प्रमाणिकता और भाषा दो ऐसी बातें हैं, जो पाठकों को आकृष्ट करती हैं। मोटे तौर पर यह बस्तर की लोक संस्कृति का संवाद है जिसमें लेखक ने वहाँ के द्वंद्व को प्रेम के धागे से जोड़कर प्रस्तुत किया है। लेखक कमलेश कमल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए पाठकों के प्रति विशेष आभार प्रकट किया जिन्होंने इसे नम्बर1 बेस्टसेलर बनाया। लेखकीय निष्ठा की बात करते हुए उन्होंने अपने वादे को दुहराया कि अगर किसी को किताब पसंद नहीं आएगी, तो उसके पैसे वापस होंगे। यश पब्लिकेशन के निदेशक जतिन भारद्वाज ने पूरे आयोजन की सफलता पर सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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