काव्यभाषा : मुझे कुछ याद नहीं है – कर्नल.डा.गिरिजेश सक्सेना,भोपाल

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\\ मुझे कुछ याद नहीं है//

वह सुहानी सांझ,
जब प्यार की मुस्कान,
खिली अरुणा की लाली ले,
उनकी अलकों का श्रृंगार,
मुझे कुछ याद नहीं है |
रटपीहू पीहू पपीहे की,
श्यामलता नभ के मेघोँ की,
कोकिल की स्वर झंकार,
उनके अधरों का प्यार,
मुझे कुछ याद नहीं है |
बहती सरिता की कलकल,
नभ के तारों की झिलमिल,
शशि के माथे का दाग,
उनके नयनों का अनुराग,
मुझे कुछ याद नहीं है |
अपने सपनों का मधुमास,
किसी के वादों का विश्वास,
विरह प्रतीक्षा की निःश्वाँस,
उनका वासंती मृदुहास,
मुझे कुछ याद नहीं है |
कपोलों पर बिखरा प्यार,
लुटता सपनों का संसार,
आँसू की नयनों में हलचल,
उनसे विदाई का वह पल,
मुझे कुछ याद नहीं है |

कर्नल.डा.गिरिजेश सक्सेना
जी-1,इन्द्रप्रस्थ-सन सिटी,
एयर पोर्ट रोड,भोपाल-462030.
9425006515/07554265389.
girijeshsaxena @gmail.com/ sgirijesh@rediffmail.com

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