नागरिक पत्रकारिता : कोरोना संक्रमितों के नाम उजागर होना चाहिए – राजकुमार दुबे

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कोरोना संक्रमितों के नाम उजागर होना चाहिए – राजकुमार दुबे

शहर में कोरोना महामारी के दिन दूने रात चौगुने प्रसार ने शहरवासियों को हलकान कर दिया है।इस महामारी ने हमारे शहर के अनेक हरदिल अज़ीज़ लोगों को हमसे असमय छीन कर काल के गाल में पहुंचा दिया है।
इस महामारी के प्रसार के अनेक कारणों में एक कारण प्रदेश शासन की कोरोना बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों के नाम सार्वजनिक नही कर गुप्त रखने की नीति भी है। नाम सार्वजनिक नहीं होने के चलते पीड़ित परिवार के व्यक्ति घरों में क्वरेंटाईन होंने के बजाय बाजार व सार्वजनिक स्थानों पर वैखोफ पहुंच कर बीमारी फैला रहे हैं।कोरोना पीड़ित व्यापारीगण अपनी अपनी दुकानें खोलकर थोड़े धन कमाने के लालच में ग्राहकों को सामग्रियों के साथ कोरोना बीमारी दे रहे है।कोरोना पीड़ित व्यक्तियों के नाम सार्वजनिक होते तो वे घरों से निकलने की हिम्मत नहीं करते और ना ही दुकानों को खोलने की, नाम सार्वजनिक होने के चलते आम आदमी भी पुलिस/नगर प्रशासन को सूचना दे सकता कि फलाना पीड़ित व्यक्ति घूम रहा है या दुकान खोल रहा है।कोरोना पीड़ित व्यक्तियों का नाम सार्वजनिक होने से उनके सम्पर्क में आए हुए लोग भी सजग होकर अपने बचाव के लिए प्रयास कर सकते हैं।आज कोरोना बीमारी से पीड़ित होने पर मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायकगण, लोक स्वास्थ्य के हित के लिए अपना नाम सार्वजनिक कर रहे हैं तो फिर एक आम नागरिक के नाम को गुप्त रखने की कवायद क्यों? उपभोक्ता संरक्षण मंच का शहर के सामाजिक संगठनों से अनुरोध है कि वे कोरोना पीड़ित व्यक्तियों के नाम गुप्त रखने के बजाय सार्वजनिक करने का अभियान चलायें ताकि बेतहाशा बढ़ रही कोरोना बीमारी पर कुछ अंकुश लग सके।

राजकुमार दुबे
अपील कर्ता उपभोक्ता संरक्षण मंच इटारसी

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