काव्य भाषा : हमारा प्रेम हमारी ताकत है -सरिता लहरे “माही” दिवानपुर

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हमारा प्रेम हमारी ताकत है

प्रेम बिना हम कुछ नहीं,
प्रेम रब का इनायत है।
सबसे प्यारा,सबसे न्यारा,
हमारा प्रेम ही हमारी ताकत है।

मां-बाबुल का आशीर्वाद,
भाई – बहनों का लाड़ – दुलार।
दादी – दादा की कहानी,
और बाबुल का फटकार।।
सब प्रेम की धारा है,
सबसे प्यारा…….

विवाह के वो रिश्ते,
जो प्रेम की धागे से बनती है।
पति – पत्नी दो अनजान रास्ते,
जो प्रेम नाम से मिलती है।।

लैला मजनू की जोड़ी जैसी ,
कुछ अनोखी कहानी मिलती है।
प्यार,इश्क़,मोहब्बत जैसी,
कुछ याद पुरानी मिलती है ।।

मित्र, सखा, सब प्रेम के बंधन,
प्रेम रब का दिया एक तोफा है।
सबसे प्यारा,सबसे न्यारा,
हमारा प्रेम ही हमारी ताकत है।।

-सरिता लहरे “माही”
दिववनपुर जशपुर(36गढ़)

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