काव्यभाषा : नया गीत – कुन्ना चौधरी जयपुर

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नया गीत

गीत एक नया आज गुनगुनाता हूँ मैं
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….

कभी शब्द न मिले कभी स्याही बह गई ,
भीगे नयनों से फिर भी मुस्कुराता हूँ मैं .. …
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….

क्यों मंज़िलें खो गई क्यों वो डगर मुड़ गई ,
राह की ठोकरें अब अकेले ही खाता हूँ मैं ….
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….

भरोसा किसका करें क्यों इस जग से डरे ,
हर गुनाह का इल्ज़ाम अब सहे जाता हूँ मैं ….
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….

कब नहीं थे ये फ़ासले ,ज़िन्दगी और मौत के ,
मर मर के फिर हर बार जिये जाता हूँ मैं …
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….

कुन्ना चौधरी
जयपुर

2 COMMENTS

  1. हमारी रचनाओं को पटल पर स्थान देने के लिये बहुत शुक्रिया….?

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