

नया गीत
गीत एक नया आज गुनगुनाता हूँ मैं
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….
कभी शब्द न मिले कभी स्याही बह गई ,
भीगे नयनों से फिर भी मुस्कुराता हूँ मैं .. …
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….
क्यों मंज़िलें खो गई क्यों वो डगर मुड़ गई ,
राह की ठोकरें अब अकेले ही खाता हूँ मैं ….
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….
भरोसा किसका करें क्यों इस जग से डरे ,
हर गुनाह का इल्ज़ाम अब सहे जाता हूँ मैं ….
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….
कब नहीं थे ये फ़ासले ,ज़िन्दगी और मौत के ,
मर मर के फिर हर बार जिये जाता हूँ मैं …
दिल की कुछ बातें आज सुनाता हूँ मैं ….
कुन्ना चौधरी
जयपुर

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।

हमारी रचनाओं को पटल पर स्थान देने के लिये बहुत शुक्रिया….?
ऐसे ही कुछ नये गीत रचते रहिए , सुंदर रचना ।