

श्राध्द-श्रध्दा
श्राध्द करने के पहले
यदि रखते श्रध्दा
तो जीते जी
खुश रहते
माता-पिता,दादी-दद्दा
अब मरने के बाद
खिला रहे हो पकवान
खा रहे हैं
गाय,कौए और श्वान
खुद भी
मजा लेकर
खा रहे हो श्रीमान
यदि पहले ही रखते
अपने पूज्यों का ध्यान
तो बेचारे
समय असमय
कुंठाओं से ग्रस्त
नहीं मर पाते
श्राध्द की
जरुरत ही नहीं पड़ती
वे सारा का सारा शुभाशीष
तुम्हारे शीष धर जाते
भाई मेरे
श्राध्द से जरुरी है श्रध्दा
जीते जी
यही कहते रहे
माता-पिता,दादी-दद्दा।।
शशि तिवारी
गोंदिया,महाराष्ट्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
