काव्य भाषा : सूर्योपासना -कुन्ना चौधरी,जयपुर

191

Email

सूर्योपासना

कृतज्ञ भाव के साथ चलो सूर्योपासना करें ,
जीवन में जो प्रकाश भरे उसकी उपासना करें….

सकारात्मक ऊर्जा से जीवन का उपवन खिले
उसे तन मन धन का बल मिले जो स्तुति करे ….

इस सृष्टि की उत्पत्ति सूर्य का ही है उपकार ,
योग साधना को सार्थक सूर्य- नमस्कार करे …..

सूर्य के समान न कोई उत्तम मित्र जगत में ,
पोषण और तेज से जो रोज हमारे मन को भरे ….

सूर्य के आशीष से जीवन चक्र सुचारू चले ,
घोड़ों के रथ पर सवार जीवन में चेतना भरे ….

भौतिक सूक्ष्म और आकाशीय सबपर है अधिकार,
सत्य तप और आत्म ज्ञान की हम पर ये मेहर करे …..

भ्रांतियों के अंधकार से जो हमें सदा रखे दूर
उन्नत जीवन का हमारा मार्ग जो प्रशस्त करे ….

पिता की तरह जो पोषण करता उसे हमारा नमन
देदीप्यमान ब्रह्माण्ड के नयन का ह्रदय से सम्मान करे …

अदिति -सूत की रचनात्मकता को बार बार है नमन,
जागृत कर क्रियाशील बनाने वाले का हम वंदन करें …

कुन्ना चौधरी जयपुर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here