
वीर पवन
ऐ वीर! हवा
सुरभित-सुगंधित बहा
मन्द-मन्द बहकर
घर-घर आनन्द पहुँचा।
ऐ वीर! हवा
निडरता निज दिखा
सौरभ सी केसर बहाकर
धरा के ओना-कोना पहुँचा।
ऐ वीर! हवा
मन भर वर्षा में नहा
कर अम्बु को ग्रहण
जनों के शोक-संताप मिटा।
ऐ वीर! हवा
ठंड में न जड़ा
शीतल का हस्त थामकर
हृदय को हर ले जा।
ऐ वीर! हवा
ग्रीष्म से न डरा
उमस को शिकस्त देकर
विश्व-जहां में शांति पहुँचा।
ऐ वीर! हवा
बिकराल रूप न दिखा
तुम्हारा कर्म जीवन देना
प्राण हर कर न ले जा।
ऐ वीर! हवा
घनघोर-घटा ले के आ
कृषकों पर कर रहम
निर्बलों को खुशियां पहुँचा।
ऐ वीर! हवा
थोड़ा साहस करके दिखा
दुष्टों का कर संहार
भूमि को पावन बना।
ऐ वीर! हवा
मुखड़ा निज दिखा
हो जाऊं तुझ पर कुर्बान
मुझको ऐसा राह बता।
ऐ वीर! हवा
निज भुवन का दे पता
जाऊं तेरे द्वार
उपकार के बदले करुं सेवा।
✍🏻✍🏻चन्द्रकान्त खुंटे
लोहर्सी,जांजगीर चाम्पा(छग)

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।