
शिक्षक दिवस विशेष
मनहरण घनाक्षरी
1
ज्ञान यदि चाहते हो ,किसी से भी जग में तो
चरणों में उसके ही, शीश को झुकाइए !
सीखिए सिखाइए जो ,ज्ञान आपको जो मिले
तम से निकलिए जी,ज्ञान लौ जलाइए !
बड़े ही तो भाग्य से जो ,मिलतें है गुरु हमें
गुरुओं की बात को तो, सिर पे बिठाइए!
शून्य को ही मिलता है ,जग में शिखर भी तो
शून्य यदि आप हैं तो ,शोक न मनाइए !
2
नर को जो ज्ञान दे के,जग में महान करें
उससा तो जग में न, कोई भी महान है!
डाँट कर मार कर ,कटु शब्द बोलकर
हीरे सा निखारता है,वही भगवान है!
मात पिता से भी बड़ा ,रहे तो उसी का पद
ईश ने जो दिया हमें ,प्यारा वरदान है!
कहते हैं गुरु जिसे,सबसे महान होता
जन जन से ही जिसे ,मिलता सम्मान है!
नीरजा नीरू
लखनऊ

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।