
“अवंतिका का संघर्षमय जीवन”
अवंतिका
मुझे नहीं मालूम
तुम्हारे जीवन के
संकटकाल में
नये-नये प्रश्नो के
दिग्विजयी लक्ष्य क्या है?
क्या कोई समझता है,इसे?
शायद…
किसी को होता नही होगा एहसास।
लोग देखते हैं,
तुम्हारे रुप का सौंदर्य…
श्रमशील बांहों से झुककर बन जाती दोआब…
लटकती हुई रुपहली मछलियों की तरह
बढ़ते हुए…
स्तनों की परिधि
टकटकी लगाकर…
ताक़ते रहते असंख्य लोग।
यूं ही बेवजह फिल्माया नग्मा बेसुरे राग में गुनगुनाकर…
खुश होते रहते है।
तुम यह सोचकर
निराश मत होना।
जीवन के चक्रव्यूह में
छद्म युध्द करके अभिमन्यु मरे जाते है…
अर्जुन नहीं…
तुम्हारी देह में प्रवाहित
दिग्विजयी ‘लक्ष्य’ आत्मसात् करना…
संघर्षो की वेदी पर
हर चक्रव्यूह तोड़ना होगा…।
सुनील मिश्रा ‘शोधार्थी’
ग्राम-शुक्लनपुरवा पोस्ट-तेरवामनिकापुर-
सीतापुर (उत्तर प्रदेश)

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।