
लघकथा
माँ आएगी
तीनों जुड़वा भाई किसी गंभीर विषय पर चर्चारत थे।कोई समाधान ना समझ आने पर मास बोला–” यार । बापू के तेवर बढ़ते ही जारहे हें।”
” हां भाई । सचमुच” सैनी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा। भाई के मत का समर्थन किया।
“भाई मामला तो गंभीर है। हम पूरी कोशिश में हैं कि लोग बापू के कहर से बचकर रहें मगर क्या करें, वे भी मजबूर होंगे नहीं तो मरना कौन चाहेगा?”डिस्टेन जरा ज्यादा गंभीर हो चुका था।
मास को अचानक जैसे कुछ याद आया।
” मेरे भाइयों । एक बात बताना भूल गया।
” क्या?” दोनों एक साथ बोल पड़े।
“मैने कल रात एक सपना देखा कि हम तीनों प्रभु से प्रार्थना कर रहे हैं कि हमारी मां को लौटा दो। एक वही बापू का जवाब बन सकती
है।
बीच में ही दोनों भाई बोल पड़े।” क्या कहा प्रभु ने फिर?” मास आगे बताने लगा “मालूम प्रभु तो सब जानते हैं, परंतु उन्होंने हमारे मां के बारे में 2 सवाल पूछे एक तुम्हारी मां कहां है ?”
कोमा में है
“उसका नाम क्या है?”
प्रभु वैक्सीन।
” कुछ भरोसा दिलाया उन्होंने?” सैनी ने पूछा। यह सुनकर वे मुस्कुराए। इतने में मेरी आंख खुल गई। डिस्टेन ने सपने का अर्थ लगाते हुए कहा ःभाई ।यदि प्रभु मुस्कुराए हैं तो समझ लेना मां जरूर आएगी बापू की …….करने।
डा.चंद्रा सायता

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।