

भूधरदास जी के साहित्य में वैराग्य, तत्त्वज्ञान और शान्त रस का अदभुत समन्वय- डॉ. मनीष जैन
‘रसानुभूति’ द्वारा परिचर्चा आयोजित
इंदौर। महाकवि पण्डित भूधरदास जी के साहित्य में वैराग्य, तत्त्वज्ञान और शान्त रस का अद्भुत प्रयोग देखने लायक है। साहित्याकाश में चमकने हेतु सभी लक्षणों के साथ संस्कार, सामाजिक दृष्टिकोण और आत्मविश्वास का सुन्दर समन्वय भूधरदास जी ने किया।
ये उद्गार भोपाल के डॉ. मनीष जैन ने सर्वोदय अहिंसा ट्रस्ट एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा आयोजित हिन्दी साहित्य में जैन साहित्यकारों के साहित्यिक/सामाजिक/धार्मिक/सांस्कृतिक और नैतिक अवदान को परिलक्षित करती वैश्विक फलक पर साहित्यिक विमर्श की साप्ताहिक श्रृंखला *रसानुभूति* के अन्तर्गत चतुर्थ परिचर्चा के दौरान व्यक्त किये।
मीडिया प्रबन्धन प्रमुख दीपकराज जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम का शुभारम्भ अनेकान्त शास्त्री, रहली के द्वारा मंगलाचरण से हुआ।
इस चतुर्थ परिचर्चा का विषय *महाकवि पण्डित भूधरदास जी और उनका अर्थाववबोध* था, जिसमें अनेक विद्वानों और साहित्यकारों द्वारा जिज्ञासायें व्यक्त कीं जिनका समुचित समाधान इस चर्चा में आमन्त्रित विद्वान् साहित्यकार *डॉ. मनीष जैन*,विभागाध्यक्ष, हिन्दी, कुन्दकुन्द जैन पी जी कॉलेज, खतौली मेरठ ने दिया।
सभा के अध्यक्ष *श्री अजित भाई जी जैन* , वडोदरा द्वारा अध्यक्षीय भाषण तथा परिचर्चा का संचालन अंकुर शास्त्री एंकर कम एडिटर, दूरदर्शन भोपाल एवं अभिषेक शास्त्री जन सम्पर्क , भोपाल ने साथ किया। आभार- प्रदर्शन डॉ. अर्पण जैन अविचल, एवं भावना शर्मा द्वारा किया गया।
मीडिया प्रभारी प्रद्युम्न फौजदार ने बताया कि इस परिचर्चा के संयोजक गणतंत्र जैन ओजस्वी, संजय शास्त्री, सर्वोदय अहिंसा रहे।
इस परिचर्चा में टोडरमल दिगम्बर जैन सिद्धान्त महाविद्यालय, शाश्वत धाम, ध्रुवधाम आदि संस्था के छात्र, अनेक साहित्यिक मनीषी, शोधार्थी, शिक्षा शास्त्री, शिक्षाविद् के अतिरिक्त डॉ. वीरसागर जी, श्री शान्तिनाथ जी पुणे, डॉ किरण शाह पुणे, पं. राजकुमार जी उदयपुर, रिषभ जी छिन्दवाडा, अजित जी अलवर, डॉ महेन्द्र जी मुकुर,मुम्बई, निलय जी आगरा, निपुण जी भोपाल, गजेन्द्र जी गोंडल, अमोल जी हिंगोली, शुभम जी ज्ञानोदय के साथ ही डॉ. नीना जोशी, नरेन्द्रपाल जैन, भावना शर्मा, नीतेश गुप्ता आदि अनेक साथी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सर्वोदय अहिंसा के यूट्यूब एवं फेसबुक चैनल पर किया गया जिसे देश विदेश के अनेक लोगों ने लाइव देखा।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
