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हिन्दी लेखिका संघ सागर ने स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में की आनलाइन काव्यगोष्ठी
काव्यगोष्ठी का आयोजन एवं संचालनसंस्था अध्यक्ष श्रीमति सुनीला सराफ ने किया। गोष्ठी की अध्यक्षता डा. संध्या टिकेकर एवं मुख्यातिथ्य डा. ऊषा मिश्रा जी ने स्वीकारा,आभार सचिव डा. चंचला दवे जी ने माना ।
डा. संध्या टिकेकर ने अपने वक्त्व्य मे कहा कि हमें अपनें मौलिक अधिकारों का पालन करते हुये बुराईयों से लड़ना होगा। डा. ऊषा मिश्रा बोली कि इस दिवस हम शपथ लें कि हम देश में फैली बेकारी से हम स्वतंत्र होगे। सुनीला सराफ ने गोष्ठी को शुरू करते हुये कहा बढ़े चलो समाने पहाड़ हो या सिंह की दहाड हो इस तरह काव्यपाठ करते हुये क्लीं ने कहा लिख कहानी विश्वास कीं महाराणा की पन्ना धाय की , विनीता केशरवानी ने कहा यही सही वक्त है सोये देश को नींद से जगाने का,डा.चंचलादवे ने कहा तमस से घिरा अंधेरा प्रकाश बनकर छाये भारत तुझे नमन,नंदनी जी ने शहीदों पर गीत गाया,नम्रता जी ने कहा जिनके सीने में शूरता की ज्वाला महकती है उनमें शहद की खुशबू महकती है,डा. सरोज गुप्ता जी ने ऋषिका यमी के बारे में अनंत अभिलाषाओं को आमंत्रित किया पुष्पलता ने कहा देश की शान तिरंगा मेरा,शशी दीक्षित ने गाया भारत अपना देश है प्यारा बहुत न्यारा
निधी यादव ने कहा नमन करते है हम उनको जिन्होंनें दी है कुर्बानी,ऊषा वर्मन ने भी शहीदों का रखना है मान सुनाया,राज श्री दवे ने कहा लाखों की कुर्बानी से कीमत हमने चुकाई, जयंती सिंह लोधी ने गाया शौर्य की मिशाल हम मां भारती के लाल हैं ,पूनम ने कहा अनेकता में एकता देश की शान,डा. छाया चौकसे ने कहा आओ बनायें हम आत्मनिर्भर भारत,शोभा सराफ ने कहा तिरंगा ने ही दिया नया जीवन दर्शन कंचन केशरवानी ने गाया भगतसिंह की सीख पर चले लाखों वीर, ज्योति झुड़ेले ने कहा प्रिये मुझे गीत लिखना है युद्ध से से लौटे वीरों पर।संध्या दरे ने पूरे समय उपस्थित रहकर सबका उत्साह वर्धन किया ।सभी ने ओजपूर्ण कवीतायें सुनाई ।

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बहुत आभार आदरणीय देवेन्द्र जी