अटल जी
आज के ही दिन धरा मौन हो गई गगन मौन हो गया।
भारत का एक चमकता सितारा सदा के लिए मौन हो गया।
चाँद की शीतलता घट गई सूरज का चमकता तेज कम गया।
विश्व के क्षितिज से कल्याण के लिए लड़ता तारा टूट गया।
नाम से हीं नहीं, कर्मों एवं विचार से भी आप अटल थे।
सिद्धांतों की राजनीति करने के लिए देश मे प्रख्यात थे।
सत्ता की राजनीति अपने जीवन में आपने कभी की नहीं।
एक वोट के लिए प्रधान मंत्री की कुर्सी आपने गवाँ दी थी।
साख इतनी की सत्तारूढ़दल भी देश के लिए विदेश भेजता था।
दूसरे दल का प्रधानमंत्री भी प्रधानमंत्री के योग्य बताता था।
वांणी में वो ओज थी कि कवि हृदय सम्राट कहलवाता था।
सदन में बोलते वक्त सभी दल मंत्रमुग्ध हो जाता था।
सिद्धांतों की राजनीति को जीवन में आपने बखूबी जिया था।
अन्य नेताओं से भिन्न आपने राजनीति में स्थान बनाया था।
विचारों में भिन्नता के वाबजूद भी आपने समरसता बनाया था।
मूल्यों की राजनीति करके एक नई राह दिखलाया था।
काल के कलुषित हाँथों ने असमय तुझे उठा लिया।
मुल्क के आवाम को काल ने तेरे अनुभवों से महरूम कर दिया।
आपने अपने सिद्धांतों का डंका मुल्क में बजवा दिया।
देश को एक नई राह दिखाकर आपने सम्मानित किया।
डॉ.अखिलेश्वर तिवारी
पटना

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।