
मेरे वतन
आज एक ऐसा दिन आया है, जब हैवानों ने शोर मचाया है
मार काट के बोझ के छलके, उन्होंने फिर तहलका मचाया है
मत पूछो ये बैर किसी का ,जब उसने उसको ललकारा है
आज एक ऐसा दिन आया है, जब इंसान, इंसान के स्पर्श से घबराया है
पहले जवानों की मौत से उबरा भारत, फिर से हैवानों ने शोर मचाया है
रो रही थी मां उन बेटो की, जिसने देश प्रेम आगे रख अपना कर्तव्य निभाया है
समय परास्त भी ना कर पाए,अब उनको मिट्टी में मिलाना है
आज एक ऐसा दिन आया है, जब हैवानों ने शोर मचाया है।
देश प्रेम और अपना गौरव भी, हमने गर्व से अपना शीश झुकाया है
समा कर गोदी में वो मां की, आज अनंत इतिहास रचाया है।
– कीर्ति तोमर
दिल्ली

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।