
रिमझिम बूँदें
उमड़े – घुमड़े काले बदरा,
नैनों में मुस्काए कजरा,
सावन की रिमझिम बूँदों से
भीगे तन – मन,भीगे अँचरा।
बिजुरी चमके , बदरी छाई,
पावस से भीगी अमराई,
श्याम रंग की अपनी सजनी
धानी चूनर में शरमाई।
बालों में सज गया है गजरा,
नैनन से झाँके है कजरा,
सरगम सुन करके बूँदों की
सुमनों पर मंडराए भँवरा।
शिव – गौरा की पूजा करते,
मनचाहा वर माँगा करते,
कजरी गा – गा झूला झूलें
मोर – पपीहा नर्तन करते।
मौसम ने ली है अँगड़ाई,
खेतों में फसलें लहराई,
बारिश ने जब मुख को चूमा
“भावुक” महक उठी पुरवाई…
डॉ.अवधेश तिवारी “भावुक”
दिल्ली

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।