
” दिल की खता”
( 1 )
दिल की बातें कही नहीं जाती हैं
ये आंखों से ही बयां हो जातीहै।
धड़कन बस तेरे नाम से धड़कती
अब सांसें तेरे नाम से चलती है।
बिछड़ ना जाए ये दिल डरता है
ये दिल तुझसे ही प्यार करता है।
अब तेरे संग जीना और मरना है
इस दिल का बस यही कहना है
(2)
तेरी आंखों की झील में डूब जाना
तेरी दिलकश अदाओं का दीवाना
बदनाम हुए हम तेरे इश्क में सनम
ये ज़िन्दगी अब तेरे नाम है सनम।
मै पतवार हूं तुम नैय्या बन जाओ
मै श्याम बनूं तुम राधा बन जाओ।
कुदरत का करिश्मा तुम लगती हो
बहुत सुंदर सनम तुम दिखती हो।
(3)
आंखों में रहती है तुम्हारी खुमारी
मुझको हो गई है इश्क की बीमारी
नशा बनके रंगों में बहती हो तुम
कितने प्यार से देखती हो मुझे तुम
पत्थर भी पिघल जाता है प्यार में
कितने हीर और रांझा बने प्यार में
किस्मत का खेल भी बड़ा निराला
सब कुछ देख रहा है ऊपरवाला
अजय कुमार यादव
शिक्षक
शा. पूर्व माध्यमिक शाला जरही
प्रतापपुर,सूरजपुर , छ. ग.
9977373081

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।