काव्यभाषा : खुशी विश्व के धाम -डॉ मंजु गुप्ता वाशी , नवी मुंबई

खुशी विश्व के धाम

धरती पर हैं आ रहे , वापिस फिर श्री राम।
जगमग होती अयोध्या , खुशी विश्व के धाम ।

हुई अलौकिक अयोध्या , पाँच अगस्त सुहाय।
बना राम जी का भव्य , मंदिर ‘ मंजू ‘भाय ।

टेंट से निकल राम जी , मंदिर रहे विराज ।
भूमि पूजन हुआ दिव्य , अरु रामार्चा काज ।।

पंच ध्वजा से है सजी , सकल अयोध्या धाम ।
सरयू तट जगमग हुआ , वापस आए राम ।।

राम रंग में हैं रँगी , सजा राम दरबार ।
आय राम सबके अवध ,दीपोत्सव की बहार ।।

डॉ मंजु गुप्ता
वाशी , नवी मुंबई

1 COMMENT

  1. बहुत सुंदर गुप्ता जी। जय श्री राम ?

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