विविध : 21 वां कारगिल विजय दिवस : जिस पथ जाते वीर अनेक -डॉ मंजु गुप्ता वाशी , नवी मुंबई

21 वां कारगिल विजय दिवस : जिस पथ जाते वीर अनेक

सदियों से पीढ़ियाँ युद्ध करती आयी हैं । स्वार्थी मानव , समाज , भौतिकवादी देश की महत्त्वकांक्षाएँ और साम्राज्य के विस्तार के लिए संसार में युद्ध करते आएं हैं , चलते रहेंगे । देश अपने बचाब , राष्ट्र नीतियाँ , तैयारियों की , सुरक्षा की बनाती रहेंगी ।
आओ चलें आज हम भारत के उन साहस – शौर्य के पथ पर हाथ कंगन को आरसी क्या , जिन पर वीर सेना , बहादुर जवान जल , थल , नभ सेना के जवान जान हथेलीे पर रख के देश की सुरक्षा के लिए अपना परिवार छोड़ के सवा सौ करोड़ भारतवासियों की सुरक्षा के लिए सरहदों पर जाते हैं । हर भारतवासी आजाद सांसें ले सके ।इन फौजी भाइयों के दम पर आज हम सुरक्षित हैं । आज आप सबको देशभक्ति , देश प्रेम के रस में आप सबको सराबोर करूँ ।उनके अदम्य साहस का रस छलका रही हूँ ।वे वतन के प्रेम , देश की आज़ादी के लिए हमारे लिए मर मिटते हैं ।
आज 26 जुलाई 2020 को पूरा देश कारगिल विजय दिवस की 21 वीं वर्षगाँठ मना रहा है । जिसमें 527 जवान शहीद हुए थे ।1300 से ज्यादा वीर रणबांकुरे जख्मी हुए थे । लगभग ये सभी सेनाके 20 वर्षसे लेकर 25 , 30 वर्ष के युवा थे । कारगिल , द्राक्ष , टाइगर हिल आदि की पथरीले दुर्गम रास्तों पर चढ़कर पाकिस्तान की सेना के साथ अपनी भारत माँ को बचाने के लिए जंग की थी । रास्ते का एक पत्थर भी उन जवानों पर गिर जाए तो मौत उनकी निश्चित थी । पाकिस्तान को इस खेल में मुँह की खानी पड़ी ।कितनों के अंग दुश्मन से लड़ते हुए कटे थे । आज वे हमारे लिए , उनका जज्बा मिसाल हैं ।
मेरे भारत के शेर मातृ भूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त करते हैं ।
आज उनकी स्मृति प्रतीक कारगिल में विजयी तिरंगा शान से लहराया है । तिरंगा का हर ताना – बाना शौर्य , शक्ति , ऊर्जा से लबालब भर उनके शौर्य की गाथा गया रहा है ।
भारत में छिपे उन गद्दारों के लिए भी सबक है ।जो भारत माता का नमक खा के छल करते हैं । उनब दहशतगर्दों का यही बुरा हश्र , हाल होगा ।
दुष्ट प्रकृति के लोग समाज में दूसरों देशों से छल , कपट से नुकसान पहुँचाने का काम करते हैं । पाकिस्तान की सेना ने भारत के कारगिल में युद्ध की तैयारी करके ऊँची -ऊँची दुर्गम पहाड़ियों पर बंकर बना लिए थे । भारत के
सैनिकों , वीरों ने शौर्य से मुकाबला करके पाकिस्तान को धूल चटाई ।
मेरा सौभाग्य है भारत माँ की पतित पावनी गंगा तट पर बसे ऋषिकेश उत्तराखंड में मेरा जन्म हुआ ।आज कलम सेना के वीर जवानों , शहीदों का गुणगान कर रही है । उत्तराखंड रेजिमेंट के संग देश के सभी वीर शहीद सेनानियों का नाम कारगिल के युद्ध में स्वर्णाक्षरों से लिखा है ।
जय बोल कलम तू वीरों की ,

सरहद पर खड़े हमारे वीर ,
देश की एकता के वास्ते ,
देश की अखंडता के वास्ते ,
भारतवासियों की सुरक्षा वास्ते ,
देश के आजाद नाम के वास्ते ,
देश के निशान तिरंगे के वास्ते ,
खाया जो नमक देश के वास्ते ,
करे मंजु ऐसा संकल्प देश के वास्ते ।

डॉ मंजु गुप्ता
वाशी , नवी मुंबई

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