
मेरी अभिव्यक्तियाँ
शब्द सागर बने,गीत की पंक्तियाँ,
तुमसे जुड़ने लगीं,मेरी अभिव्यक्तियाँ।
ये हृदय दीप बन जगमगाने लगा,
मन था चंचल मेरा,अब ये बँधने लगा,
जो था मेरा कभी,अब तुम्हारा हुआ,
भा रही हैं मुझे अब ये पाबंदियाँ,
तुमसे जुड़ने लगीं मेरी अभिव्यक्तियाँ,
शब्द सागर बने,गीत की पंक्तियाँ।।
अब विचारों को मेरे दिशा मिल गयी,
नित नए गीत होठों पे पलने लगे,
सुर समीर में बिखरे से लगने लगे,
साधना को मिली अब नई प्रेरणा,
तुमसे जुड़ने लगीं मेरी अभिव्यक्तियाँ,
शब्द सागर बने, गीत की पंक्तियाँ।।
इच्छाएँ भी करवट बदलने लगीं,
मन के पाखी ने ऊँची उड़ाने भरी,
नित नए स्वप्न आँखों में पलने लगे,
भावना को मिली अब नई शक्तियाँ,
तुमसे जुड़ने लगीं मेरी अभिव्यक्तियाँ,
शब्द सागर बने,गीत की पंक्तियाँ।।
नीलम द्विवेदी
रायपुर छत्तीसगढ़

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।