काव्य भाषा : जिंदगी क्या है- माही सिंह राजपुर

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जिन्दगी क्या है

ऊँचे- नीचे रास्ते,
धूप तो कहीं छांव है जिंदगी;
काली- सफेद पहाड़ी,
शहर तो कहीं गाँव है जिंदगी;
मेहनत-मुशक्कत की नींव,
आत्मविश्वास का मकान है जिंदगी;
हार- जीत एक सिक्के के दो पहलू,
जीवन-मरण का मैदान है जिंदगी!!

माही सिंह
राजपुर ( महुआ पारा)
जिला बलरामपुर (छ ग)

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