
अरमान
अरमान सजा कर रखा है, कुछ नूतन कर दिखलाएंगे,
इस मृत्युलोक में ही रहकर, कुछ अमर कार्य कर जाएंगे।
मजलूमों,मजबूरों का संग,नहीं किसी को भाता है,
उनको गले लगाकर , हम उनको सुखी बनाएंगे।
जो रहते अज्ञान – तमस में, जिन्हें उजाला नहीं मिला है,
हम उनके अँधियारे मन को, खुशियों की किरण दिखाएंगे।
जो हिम्मत उम्मीद हारकर,अपने घर में बैठे हैं,
हम उनके बुझते हिय में उत्साह का दीप जलाएंगे।
एक -एक ग्यारह बनकर हम,सबकी भागीदारी से,
“भावुक”,भारत की उन्नति में,अपना सर्वस्व लगाएंगे।
डॉ.अवधेश तिवारी”भावुक”
दिल्ली

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।