
अमर हुई यह प्रेम कहानी
अपने श्याम सँग झूला झूलें,
प्यारी राधा रानी।
सावन पर भी यौवन छाया,
झमझम बरसे पानी ।
हरा भरा हरियाला मौसम,
भीगा भीगा तन मन है ।
राधाकिशन की प्रीति देखकर,
हर्षित सारा उपवन ,है ।
नाच रहीं यमुना की लहरें ,
कितनी सुन्दर थिरकन है ।
धरती अम्बर एक हुए हैं ,
पावस विह्वल जोगन है ।
दशों दिशाएं झूम रही हैं ,
मादकता मे मधुबन है ।
मोर पपीहा पँछी गाये ,
जैसे पागल विरहन है ।
कोमल किसलय जैसी राधा ,
डूब गयी है मोहन में ।
जगमोहन भी डूब गये हैं,
राधा के सम्मोहन में ।
सखियाँ सारी बाट जोहती,
अपनी अपनी बारी की ।
स्वयं प्रकृति भी दृश्य देख यह,
गर्वित है सुकुमारी सी ।
मोहन जैसा प्रियतम पाकर ,
धन्य हुई राधा रानी ।
अमर प्रेम इतिहास रचाया ,
अमर हुई ये प्रेम कहानी
© सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
बहुत सुंदर सावन की कविता। बधाई।