
जनसंख्या
जनसंख्या यूँ बढ़ रही
बढ़ा था जैसे सुरसा – मुख ,
मानव तू कैसे पाएगा
अन्न , जल , शान्ति और सुख।
बढ़ी हुई आबादी से अब
निकल रहा ऐसा परिणाम,
चारों ओर कलह – कोलाहल
शोर – शराबा औ ‘ कोहराम।
प्रत्येक सेकेंड में पैदा होते
बच्चे दुनिया में हैं बीस,
विषम परिस्थिति मानव गढ़ता
मदद करेंगे क्यों अब ईश।
फुटपाथों पर लाखों सोते
उनका जीवन बेतरतीब,
अन्न, भूमि, जल घट रहे,
भविष्य में होंगे नहीं नसीब।
“भावुक” नियंत्रित करनी होगी
बढ़ती जनसंख्या को अब,
हर मानव को मिल पाएगा
खाद्य , सुरक्षा, पोषण, तब।
डॉ.अवधेश तिवारी “भावुक”

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
हार्दिक आभार…आदरेय श्री देवेन्द्र सोनी जी एवं युवाप्रवर्तक की समस्त टीम