
यादें
यादों के संमदर की गहराई,
है मौन शब्द बिखरी तहनाई।
सुखद स्पर्श की तेरी छाया,
स्वर सुगंध से महकी काया।
साथ तेरी रूह का बना रहे सदा,
सांसों में जिंदा, ख्वाबों में रहे खुदा।
– डा.साधना अग्रवाल
टीप : कृपया अपना सम्पर्क सूत्र भी लिखा कीजिये।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
Ati sunder abhivyakti, marmik rachana
Thanks Mr Agrawal ji