
क्रांतिकारी कलम
कलम का सुनहरा समय समाज एंव परिस्थितियों की कसौटी के प्रहार सहकर निखरता है, कलम एक क्रांतिकारी यंत्र है जिसका इंधन स्याही और इंजन इंसान का ज्ञान है समाज, राष्ट्र और संसार इसका पथ है। इसके अवरोधक समाज की कुरीति और बुराईयां है, किंतु कलम क्रांति है और क्रांति ज्ञान के द्वारा स्थापित होता है और कलम का मित्र ज्ञान है।
तुलसीदास राम वंदन करते है, साहित्य के परिचायक रुप में उभरते है, सूरदास, मिरा, विधापती, कबीर और रहीम आदि साहित्य, भक्ति समाज में स्थापित करते है।
समय और समाज के वास्तविकता को प्रेमचंद अपने शब्दो से समाज मे उजागर करते है, रविन्द्र नाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, अज्ञेय, बालगंगाधर तिलक,भगत सिंह इत्यादि देश, धर्म और साहित्य का विवेचना करते है।
किंतु क्रांति का अर्थ संघर्ष करना है संघर्ष तबतक नही थम सकता जबतक समाज, राष्ट्र और संसार में ज्ञान, शांति और दूरदर्शिता स्थापित ना होता हो। ज्ञान का प्रिय मित्र कलम है और कलम का श्रेष्ठ मित्र ज्ञान है। ज्ञान क्रांति है जो सुरक्षा कवच है संसार का, कलम यौद्धा है ज्ञान का।।
अंनत धीश अमन,
गया जी
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देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।