पंडित डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी
6 जुलाई 1901 को भारत में एक अवतार हुआ था।
आशुतोष मुखर्जी के घर में एक बच्चा जन्म लिया था।
पिता की तरह शिक्षाविद के रूप में विख्यात हुआ था।
25 वर्ष की अल्प आयु से हीं बैरिस्टर बना हुआ था।
उसके पतिभा से भौंचक्का सब कलकत्ता वासी था।
33वर्ष मेंहीं विश्वविद्यालय में कुलपति भी बन गया था।
उसके तेज के आगे भारत के सभी लोग नतमस्तक थे।
उनके दिखाये रास्ते पर चलने को सब लोग इक्छुक थे।
शिक्षा के साथ राजनीति सुधारने की उन्होंने ठानी थी।
कृषक प्रजा पार्टी के साथ गठबंधन बना डाली थी।
सावरकर के राष्ट्रवाद से हिन्दू महासभा अपनाया था।
अंग्रेजोंके साम्प्रदायिकता केविरुद्ध आवाज उठाया था।
मुस्लिम लीग के विभाजन के प्रयासों को नकारा था।
इस तरह बंगाल को फिर विभाजन से बचाया था।
भारत में पहली बार ज्ञान का अलख जगाया था।
सांस्कृतिक दृष्टि से हम एक है ऐसी धारणा जगाया था।
आजादी के पहले भी देश निर्माण में आहुति डाला था।
बंगाल प्रान्त के वित्त मंत्री का पद भी सम्भाला था।
उनकी प्रतिभा के कायल सभी दलों के लोग थे।
नेहरू जी भी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनाये थे।
नेहरू लियाकत दिल्ली पैक्ट सन 1950 में हुआ था।
उसी के विरुद्ध इस देशभक्त ने मंत्री पद छोड़ दिया था।
देश की अस्मिता बचाने के लिए 1951 में ठाना था।
देश भक्तों को लेकर भारतीय जनसंघ बना डाला था।
जम्मू कश्मीर भारत का पूर्ण अंग बने यह चाहत थी।
संसद में 370 धारा हटाने की उन्होंने वकालत की थी।
भारत को महान बनाना महान व्यक्ति का संकल्प था।
एक देश एक विधान एक निशान ही उनका सपना था।
सन 1952 ई. में जम्मू में विशाल रैली निकाला था।
जम्मू को भारत में मिलाने का सपना पूरा करना था।
नहीं तो अपने जीवन को बलिदान कर जाना था।
जम्मू कश्मीर पूरी तरह अपना है उनका मानना था।
ईसलिए यात्रा बिना परमिट आरम्भ कर दिया था।
देश के लिए अपने को काल के गाल में डाल दिया था।
उनको किसी ने रहस्यमय ढंग से मार डाला था।
23 जून 1953 को देश के लिए प्राण त्याग दिया था।
वैसे महामानव को करते हैं हम शत शत प्रणाम।
उनकी दूरदर्शिता का आज भारत देख रहा परिणाम।
आज उन्हीं की बनाई पार्टी का है भारत में शासन।
उनके सपनों को पूरा करने में पार्टी लगा रही है जीवन।
जम्मू कश्मीर अब बन गया भारत का अभिन्न अंग।
भाजपा की सरकार के निर्णय से दुनिया हो गई दंग।
डॉ. मुखर्जी के सपनों का अब बन रहा भारत है।
भारत की सांस्कृतिक पहचान का बज रहा डंका है।
ऐसे हीं चलते रहनेसे भारत प्राप्त करलेगा पुराना मान।
पूरे विश्व में विश्वगुरु के रूप में जल्द पा लेंगे सम्मान।
डॉ.अखिलेश्वर तिवारी
पटना
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देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।